नई दिल्ली, 16 जून 2025: देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की तैयारी में है, जिसका लक्ष्य अगले साल यानी 2026 से नई सिफारिशों को लागू करना है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो कर्मचारियों की सैलरी में एक बार फिर बंपर इजाफा देखने को मिल सकता है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर उनकी जेब पर इसका क्या असर पड़ेगा? आइए, विस्तार से समझते हैं पूरी गणना और संभावित नया पे-स्केल।
क्यों आ रहा है 8वां वेतन आयोग?
भारत में हर दस साल पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं, और इस लिहाज से 2026 में आठवें वेतन आयोग की बारी है। सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखना, महंगाई से होने वाले असर को कम करना और उन्हें प्रतिस्पर्धी वेतनमान देना है ताकि वे बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित हों।
हालांकि, कुछ चर्चाएं ऐसी भी थीं कि सरकार 'वेतन आयोग' की पुरानी प्रणाली को खत्म कर ऑटोमेटिक पे रिविजन सिस्टम लागू कर सकती है, लेकिन वर्तमान संकेतों से लगता है कि आठवां वेतन आयोग अपने पुराने स्वरूप में ही आएगा, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की बात है।
सैलरी में कितना होगा इजाफा? जानिए गणित
आठवें वेतन आयोग से कितनी बढ़ोतरी होगी, इसका सटीक अनुमान लगाना अभी मुश्किल है क्योंकि आयोग का गठन अभी होना बाकी है। लेकिन, पिछले आयोगों के रुझानों और वर्तमान आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए कुछ अनुमान लगाए जा सकते हैं।
माना जा रहा है कि इस बार भी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सातवें वेतन आयोग ने इसे 2.57 गुना रखा था, जिससे कर्मचारियों का मूल वेतन (Basic Pay) 2.57 गुना बढ़ गया था।
अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 3 गुना या इससे अधिक होता है, तो सैलरी में बड़ी छलांग दिख सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन ₹18,000 है (7वें वेतन आयोग के न्यूनतम पे-स्केल के अनुसार), और नया फिटमेंट फैक्टर 3 गुना होता है, तो उनका मूल वेतन:
18,000×3=₹54,000 (संभावित नया मूल वेतन)
इसके ऊपर महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य भत्ते जुड़ेंगे, जिससे कुल वेतन में काफी बढ़ोतरी होगी।
संभावित नया पे-स्केल और ग्रेड पे स्ट्रक्चर:
आठवां वेतन आयोग मौजूदा पे-मैट्रिक्स (Pay Matrix) को भी संशोधित कर सकता है। संभावना है कि एंट्री-लेवल पे-स्केल में बढ़ोतरी की जाएगी ताकि नए कर्मचारियों को आकर्षित किया जा सके। इसके साथ ही, विभिन्न ग्रेड पे (Grade Pay) में भी संशोधन होगा, जिससे अलग-अलग लेवल के कर्मचारियों को उनके पद और जिम्मेदारी के अनुसार उचित बढ़ोतरी मिले।
अभी तक, न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 है। कर्मचारियों यूनियनों की मांग है कि इसे बढ़ाकर ₹26,000 से ₹30,000 के बीच किया जाए, ताकि यह मौजूदा महंगाई दर के अनुकूल हो। यह देखना दिलचस्प होगा कि आठवां वेतन आयोग इस मांग पर क्या रुख अपनाता है।
कमीशन के गठन से लेकर लागू होने तक की प्रक्रिया:
आठवें वेतन आयोग का गठन आमतौर पर चुनाव के बाद नई सरकार द्वारा किया जाता है। उम्मीद है कि 2025 के अंत तक आयोग का गठन कर दिया जाएगा। एक बार गठन के बाद, आयोग सभी मंत्रालयों, विभागों, कर्मचारी यूनियनों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करता है। इसमें करीब एक से डेढ़ साल का समय लगता है, जिसके बाद आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपता है।
सरकार इन सिफारिशों का अध्ययन कर उन्हें अंतिम रूप देती है और फिर इन्हें लागू किया जाता है। अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो नई वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकती है, जिसका मतलब है कि कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के साथ-साथ बकाया (Arrears) भी मिल सकता है।
कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार की चुनौती:
केंद्रीय कर्मचारी इस वेतन आयोग से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उनका मानना है कि यह बढ़ोतरी उनके जीवन को बेहतर बनाएगी और बढ़ती महंगाई का सामना करने में मदद करेगी। वहीं, सरकार के सामने देश की आर्थिक स्थिति, राजस्व और राजकोषीय घाटे को ध्यान में रखते हुए संतुलित सिफारिशों को लागू करने की चुनौती होगी।
कुल मिलाकर, आठवें वेतन आयोग का इंतजार करोड़ों भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह न केवल केंद्रीय कर्मचारियों के वित्तीय भविष्य को आकार देगा, बल्कि देश की समग्र अर्थव्यवस्था पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। हमारी नज़र इस पूरे घटनाक्रम पर बनी हुई है और हम आपको हर अपडेट से अवगत कराते रहेंगे।